अवैध रूप से हरे पेड़ काटने का मामला: चकराता में रेंजर, डिप्टी रेंजर सहित छह निलंबित, पुरोला में अब तक 17 नपे

चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज के जंगल में बड़े पैमाने पर काटे गए संरक्षित प्रजाति के देवदार और कैल के पेड़ों के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। इस मामले में प्राथमिक जांच के बाद कनासर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी, दो वन दरोगा और तीन वन रक्षकों को निलंबित किया गया है। उधर, पूरे प्रकरण की प्राथमिक जांच वन मुख्यालय को सौंपी जा चुकी है। जो परीक्षण के बाद शासन को भेजी जाएगी। इसमें वन प्रभाग के बड़े अधिकारी भी रडार पर हैं।

प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने कनासर रेंज में हुए अवैध कटान व भारी मात्रा में लकड़ी की बरामदगी के बाद वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह गुसाईं को निलंबित कर दिया है। उन्हें वन विभाग के बागेश्वर कार्यालय से अटैच किया गया है। इसके अलावा वन दरोगा प्रमोद कुमार, आशीष चंद्र, वन रक्षक मदन सिंह, शिवम गौतम और वन आरक्षी भगत सिंह राणा को भी निलंबित किया गया है।

सभी को यमुना सर्किल के चकराता वन प्रभाग से हटाते हुए दूसरी सर्किल में अटैच किया गया है। कार्रवाई की पुष्टि करते हुए चकराता वन प्रभाग की डीएफओ कल्याणी नेगी ने बताया कि अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का आदेश उन्हें मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध पातन मामले की हर स्तर से जांच की जा रही है।

चकराता मामले में डीएफओ के स्तर से जांच के बाद प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी गई है। इसका परीक्षण किया जा रहा है। प्राथमिक जांच में जो अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। परीक्षण के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

– अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक, वन विभाग

टौंस में दो डिप्टी रेंजर और तीन वन दरोगा और निलंबित, अब तक 17 नपे

उत्तरकाशी जिले के पुरोला टौंस वन प्रभाग में काटे गए हरे पेड़ों के मामले में दो डिप्टी रेंजर सहित तीन वन दरोगा को भी निलंबित किया गया है। इस संबंध में गढ़वाल परिक्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक नरेश कुमार की ओर से निलंबन के आदेश जारी किए गए हैं। इस मामले में वन विकास निगम के आठ कर्मियों सहित अब तक कुल 17 अधिकारी-कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है।

टौंस वन प्रभाग में वन विकास निगम को जारी लॉट में 788 छपान वाले पेड़ो के सापेक्ष 108 अतिरिक्त देवरदार के हरे पेड़ काट दिए गए थे। शुक्रवार को इस मामले में वन मुख्यालय के स्तर से कार्रवाई की गई। चीफ गढ़वाल नरेश कुमार की ओर से जारी आदेश में में पुरोला की टौंस वन प्रभाग में तैनात डिप्टी रेंजर ज्ञानेंद्र जुवांठा, प्रीतम सिंह तोमर, वन दरोगा विजयपाल पंवार, लाखीराम आर्य और भरत सिंह तोमर को निलंबित करते हुए सर्किल से बाहर दूसरे वन प्रभागों में अटैच किया गया है। इस मामले में अब तक डीएफओ सुबोध काला, प्रभारी एसडीओ विजय सैनी, रेंजर रामकृष्ण कुकसाल, गोविंद सिंह चौहान और ज्ञानेंद्र मोहन जुंवाड़ा को निलंबत किया जा चुका है।

इसके अलावा वन विभाग निगम के आठ कर्मचारियों में तत्कालीन डीएलएम पुरोला रामकुमार, लॉट प्रभारी नरेंद्र रावत, वन उपज रक्षक मोहन सिंह, लॉट प्रभारी सत्येश्वर लोहनी, वन उपज रक्षक मुरकंडी प्रसाद, अनुभाग अधिकारी पदम दास, लाट प्रभारी अजीत कुमार और वन उपज रक्षक विजयपाल को निलंबित किया गया है।

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