केरल विधानसभा के अध्यक्ष ए.एन. शमसीर (Kerala Assembly Speaker A.N. Shamseer) द्वारा भगवान गणेश पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई है।
विवादों में घिरे केरल विधानसभा अध्यक्ष
केरल विधानसभा अध्यक्ष शमसीर ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि उनका इरादा कभी भी किसी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और भगवान गणेश पर उनकी हालिया टिप्पणी पर चल रहा विवाद बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि ईमानदारी से सच कहूं तो मैं किसी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला व्यक्ति नहीं हूं। शमसीर ने दावा किया कि धार्मिक श्रद्धालु उनके साथ हैं और वे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि उन्होंने उनके विश्वास और भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाई। उन्होंने कहा कि मेरा इरादा कभी भी किसी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। इस मामले पर राज्य में जो हो रहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी से नाराज हैं संगठन
बता दें कि केरल में फॉरवर्ड नायर समुदाय के संगठन नायर सर्विस सोसाइटी ने मंगलवार को अपने सदस्यों से दो अगस्त को ‘आस्था बचाओ दिवस’ के रूप में मनाने का आग्रह किया था। यह फैसला राज्य के विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर की हाल में की गई हिंदू देवता पर टिप्पणी को लेकर लिया गया था।
क्या है विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप?
इस प्रदर्शन पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक संगठन के रूप में उन्हें किसी भी मुद्दे पर विरोध करने का अधिकार है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एर्नाकुलम जिले के एक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शमसीर ने कथित तौर पर केंद्र सरकार पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों के बजाय बच्चों को हिंदू मिथक सिखाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने खोला मोर्चा
इसे लेकर भाजपा और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने पहले ही शमसीर के खिलाफ एक जोरदार अभियान शुरू कर दिया है। संगठनों ने कहा है कि वे भगवान गणेश और पौराणिक ‘पुष्पक विमान’ के बारे में विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणियों से नाराज हैं।
विधानसभा परिसर के मीडिया कक्ष में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शमसीर ने कहा कि एर्नाकुलम के एक स्कूल में अपने हालिया भाषण के दौरान उन्होंने एक संवैधानिक पद की क्षमता रखते हुए वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने का आग्रह किया और कहा कि किसी को भी अपनी धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।