उत्तराखंड में बिजली की दरें हर महीने बदलेंगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजेस्टमेंट के नए नियम जारी किए हैं। ऐसे में अब यदि यूपीसीएल बाजार से महंगी बिजली खरीदेगा तो उसका प्रभाव उपभोक्ताओं पर उसी महीने के बिल में दिखाई पड़ना शुरू हो जाएगा।
अभी तक आयोग, ऊर्जा निगम के लिए हर साल बिजली खरीद का बजट तय करता था। इससे अतिरिक्त खर्च होने पर,उपभोक्ताओं पर उसका असर, अगले वर्ष से बिजली की बढ़ी दरों के रूप में पड़ता था। गतवर्ष जब बाजार में बिजली के रेट ज्यादा बढ़े, तो निगम ने साल के बीच में ही दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा,जो मंजूर भी हो गया।
इस बीच, केंद्र सरकार ने नियम जारी कर दिया कि महंगी बिजली की राशि, लोगों से उसी माह से लेने की व्यवस्था शुरू की जाए ताकि ऊर्जा निगमों को उधार में बिजली नहीं खरीदनी पड़े। इस पर आयोग ने भी बुधवार को नई व्यवस्था को लेकर निर्देश जारी कर दिए।
आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि नई व्यवस्था में कुल बिजली खरीद के लिए तय बजट के बाद खर्च का जो भी अंतर आएगा, वो हर माह के बिल में जुड़कर आएगा। अतिरिक्त पैसा खर्च नहीं हुआ तो बिल में भी बदलाव नहीं होगा।