पछवादून व जौनसार बावर में तूफान व वर्षा से ठंड बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। घरों में कंबल निकल गए। वहीं मैदानी व तराई क्षेत्र में धान व गन्ने की फसल को हवा से नुकसान हुआ। सोमवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ था। करीब दस बजे तेज हवाएं शुरू हो गई। जिसके बाद वर्षा शुरू होने पर तापमान में गिरावट आने पर ठंड बढ़ गई। लोगों ने ठंड से बचाव को अपने गर्म कपड़े निकाले।
तेज हवा के कारण धान की फसलें गिर गई। जिन खेतों में किसानों ने धान काटकर छोड़ा हुआ था। धान भीगने के कारण टूटने का खतरा बढ़ जाता है। किसान पूरण सिंह, बालम राम, सरपंच संतोष शर्मा आदि का कहना है कि मैदानी क्षेत्र में तूफान व वर्षा से फसलों को नुकसान पहुंचा है। धान भीगने पर उसे सुखाने में ज्यादा समय लगेगा। वर्षा के कारण पछवादून में धान खरीद केंद्रों पर सोमवार को भी किसान धान बेचने नहीं पहुंचा। जिससे एक दर्जन धान खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा।
चकराता में सोमवार की वर्षा से पारा लुढ़कने पर चकराता क्षेत्र में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। स्थानीय दुकानों व घरों में लोग अंगीठी तापते नजर आए। बाजार में ग्राहक न होने पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग ठंड से कांपते दिखाई दिए। मौसम के करवट बदलने से अक्टूबर माह में जनवरी जैसी ठंड का अहसास हो रहा है। चकराता व आसपास के क्षेत्र में कड़ाके की ठंड की वजह से लोगों को अलमारी में बंद मोटे ऊनी कपड़े निकालने पड़ गए। कड़ाके की ठंड बढ़ने की वजह से जल्द बर्फबारी के आसार भी बन गए हैं।