शहरी विकास को बजट हुआ जारी, पर दूसरे विभागों के खर्च के रहा भरोसे

15वें वित्त आयोग से प्रदेश में अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने के लिए 81.57 करोड़ का बजट तो शहरी विकास विभाग को जारी हुआ, लेकिन इसे खर्च करने के लिए वह दूसरे विभागों के भरोसे रहा। दो साल तक जब कोई काम न हुआ और दूसरी किस्त अटकी तो विभाग ने खुद 84 सेंटर बनाने का टेंडर जारी किया।

अभी प्रक्रिया चल रही है। शहरी विकास विभाग को 15वें वित्त आयोग से मिले बजट से प्रदेश में 84 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने थे। इसका 50 प्रतिशत काम करके उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने पर ही बजट की दूसरी किस्त आनी थी। पहले विभाग ने तय किया कि ये सेंटर नगर निकायों के स्तर से बनाए जाएंगे, लेकिन वहां इतना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था।

सेंटरों की स्थापना का टेंडर जारी कर दिया
बाद में तय किया गया कि स्वास्थ्य विभाग ये सेंटर बनाएगा, जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई। फिर पता चला कि जिस विभाग को बजट मिला है, उसे ही अर्बन हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाने हैं। इसी गफलत में दो साल का वक्त बीत गया। आखिरकार अप्रैल में शहरी विकास विभाग ने 84 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की स्थापना का टेंडर जारी कर दिया, लेकिन कोई कंपनी निविदा के लिए नहीं आई।अगस्त में विभाग ने दोबारा टेंडर जारी किया था, जिसमें करीब 19 निविदाकर्ता आए हैं। अब विभाग टेंडर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। विभाग ने छह माह में 50 प्रतिशत काम का लक्ष्य रखा है, जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने के बाद ही दूसरी किस्त जारी हो पाएगी। मामले में निदेशक शहरी विकास नितिन सिंह भदौरिया का कहना है कि अभी वेलनेस सेंटर स्थापना की निविदा प्रक्रिया चल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *