शहर में बिना सत्यापन के चल रहे ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा के खिलाफ अब परिवहन विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है. बिना सत्यापन के सड़कों पर दौड़ रहे इन वाहनों को अब परिवहन विभाग सीज और चालान की कार्रवाई शुरू की. इसी के तहत परिवहन विभाग की प्रवर्तन की टीम ने 10 दिनों के भीतर अभियान के तहत 120 अधिक ऑटो और ई-रिक्शा को सीज किया है, जबकि 300 से अधिक वाहनों का चालान किया है.
आरटीओ प्रवर्तन गुरदेव सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग इन दिनों अभियान चलाकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.जिलाधिकारी के निर्देश पर हल्द्वानी शहर क्षेत्र अंतर्गत 16 किलोमीटर के परिधि में चलने वाले ऑटो रिक्शा के साथ-साथ ई-रिक्शा संचालकों की सत्यापन की कार्रवाई की गई. 30 नवंबर तक चले सत्यापन अभियान में परिवहन विभाग द्वारा इन सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन परमिट के अलावा अन्य दस्तावेज के साथ-साथ चालकों का सत्यापन किया गया. लेकिन सत्यापन के दौरान भारी संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा चालक अपने दस्तावेज का सत्यापन नहीं कराया है.
ऐसे में अब परिवहन विभाग इन वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर चालान और सीज करने की कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय अंतर्गत 2426 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं, जिसमें अभी तक 1887 ऑटो संचालकों ने सत्यापन कराया है, जबकि 539 ऑटो संचालकों ने सत्यापन नहीं कराया है. जबकि 4098 ई रिक्शा पंजीकृत है जिसमें 836 ई रिक्शा संचालकों ने अपना सत्यापन कराया, जबकि 3262 ई रिक्शा संचालकों ने अपना सत्यापन नहीं कराया है. परिवहन विभाग की एनफोर्समेंट की टीम अब बिना सत्यापन के चलने वाले ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है.
जिसके तहत 10 दिनों के भीतर में 120 से अधिक ऑटो और ई-रिक्शा सीज किया गया है. जबकि 200 से अधिक ऑटो और ई रिक्शा का चालान किया गया है. उन्होंने बताया कि बिना सत्यापन चलने वाले अब इन वाहनों के खिलाफ रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की कार्रवाई की जाएगी.आरटीओ प्रवर्तन गुरदेव सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग की प्रवर्तन की टीमें गठित की गई हैं. जो परिवहन एक्ट का उल्लंघन और बिना सत्यापन कर चल रहे ऑटो और ई-रिक्शा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. परिवहन नियमों के उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जा रही है. बार-बार परिवहन एक्ट नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का परमिट निरस्त किया जाएगा.