अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी की दीक्षा पर ऐक्शन, जेल प्रशासन से 5 घंटे तक पूछताछ में खुले राज

अल्मोड़ा जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को कथित दीक्षा दिलाए जाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। गुरुवार को जांच टीम ने कारागार पहुंचकर जेल प्रशासन से पांच सितम्बर के पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

अब रिपोर्ट शासन विशेष सचिव को प्रस्तुत की जाएगी। बीती पांच सितम्बर को अपने आप को जूना अखाड़ा का बताने वाले कुछ संतों ने प्रेस वार्ता कर अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी को कारागार में दीक्षा दिलाकर मठों का उत्तराधिकारी घोषित करने का खुलासा किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन के निर्देश पर विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। जांच अपर महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग यशवंत चौहान को दी गई।

दो दिन पूर्व ‘हिन्दुस्तान’ समाचार पत्र ने एक-दो दिन में जांच टीम के अल्मोड़ा पहुंचने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। गुरुवार को पांच सदस्यी जांच टीम प्रकरण की जांच के लिए जिला कारागार पहुंच गई। जेल प्रशासन की ओर से लिखित साक्ष्यों के साथ बताया गया कि उस दिन कारागार में किसी प्रकार के अनुष्ठान की इजाजत नहीं दी गई थी और पीपी के साथ कथित संतों की मुलाकात जेल प्रशासन के समक्ष ही हुई थी।

सीसीटीवी फुटेज अहम

सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने लिखित में मुलाकात के आवेदन से लेकर दी गई अनुमति के रिकार्डों की जांच की। इसके अलावा टीम ने कारागार में लगाए गए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले, जिससे यह पता चल सके कि पीपी से मिलने वालों में कौन-कौन शामिल थे। इसके अलावा टीम ने जेल प्रशासन की ओर से दिए गए तर्कों पर भी गंभीरता से पूछताछ की। इसके बाद जांच की जाएगी।

किन संपर्कों से हुई पीपी की दीक्षा

सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने यह भी पता लगाने की कोशिश की आखिरकार किन संपर्कों से पीपी को दीक्षा दिलाई गई। पीपी को दीक्षा दिलाने के पीछे कौन-कौन शामिल थे। पीपी से घटनाक्रम से पूर्व कौन-कौन मिलने आए थे। साथ ही इन सब घटनाक्रम में जेल प्रशासन की क्या-क्या भूमिका रही। कुछ ऐसे सवाल भी हैं।

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