तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर नैनीताल के प्रसिद्ध नीब करौरी कैंची धाम पहुंचीं. नैना देवी मंदिर में दर्शन के बाद राष्ट्रपति ने बाबा नीब करौरी के दरबार में माथा टेका और देश प्रदेश की खुशहाली की कामना की.
सुरक्षा कारणों से दोपहर 12 बजे तक मंदिर परिसर को जीरो जोन घोषित किया गया था और आम श्रद्धालुओं की एंट्री अस्थायी रूप से रोक दी गई थी. राष्ट्रपति के इस दौरे की खास बात यह रही कि वे भारत की पहली राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने नीब करौरी धाम में दर्शन किए. हालांकि, कैंची धाम को लेकर लोगों की आस्था लगातार बढ़ रही है.
बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का भक्त माना जाता है. संत नीब करौरी बाबा ने 1960 के दशक में स्थापित किया था. यह धाम नैनीताल भवाली मार्ग पर कैंची गांव में स्थित है और चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यहां मुख्य रूप से भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना होती है. मंदिर परिसर में बाबा नीब करौरी का समाधि स्थल भी है. जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भजन–कीर्तन और आरती में शामिल होते हैं. खास बात ये है कि अन्य मंदिरों की तरह ना यहां फूल माला चढ़ती है और ना ही साधु संत पुजारी हैं. प्रसाद में चने का भोग और चढ़ाने के लिए भक्त अपने साथ एक कम्बल ले जाते हैं. कंबल के पीछे की कहानी ये है कि नीब करौरी वाले बाबा अक्सर यहां ठंडे मौसम में कंबल में बैठकर सत्संग किया करते थे.