प्रदेश में सर्दियों के महीनों में बिजली किल्लत की आशंका के बीच यूपीसीएल पावर बैंकिंग का इस्तेमाल करेगा। इसके लिए निगम ने 48.4 करोड़ यूनिट बिजली पावर बैंक में लेने को तैयारी तेज कर दी है। केंद्र से गैर आवंटित कोटे में मिलने वाली बिजली की मियाद सितंबर में पूरी हो रही है। अक्तूबर से बिजली की किल्लत शुरू होगी जो कि सर्दियों में कम उत्पादन की वजह से बढ़ती जाएगी।राज्य में तमाम ऐसी फर्म व कंपनियां हैं जो कि बाहर से बिजली खरीदते हैं और उनकी बिजली बच जाती है। इस बची हुई बिजली को वह यूपीसीएल के पावर बैंक में रख सकते हैं। यूपीसीएल 21 नवंबर से 30 नवंबर तक 4.8 करोड़ यूनिट, एक दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 14.88 करोड़, एक जनवरी से 31 जनवरी के बीच 14.88 करोड़ और एक फरवरी से 29 फरवरी के बीच 13.92 करोड़ यूनिट बिजली लेगा।
इसके बदले में यूपीसीएल 21 जून से 30 जून, एक जुलाई से सात जुलाई, एक अगस्त से 31 अगस्त, एक सितंबर से 30 सितंबर के बीच बिजली लौटाएगा। इस पर कुछ शुल्क लेगा, जिसे हाल ही में नियामक आयोग ने कम कर दिया है। माना जा रहा है कि पावर बैंक में बिजली आने पर प्रदेश में सर्दियों के बिजली संकट से कुछ राहत मिल जाएगी।