ओखलढूंगा में बादल फटने से तबाही, दस परिवारों को अस्पताल में किया शिफ्ट; प्रशासन ने बांटी राहत राशि

नैनीताल विधानसभा क्षेत्र के कोटाबाग ब्लॉक अंतर्गत ओखलढूंगा पट्टी के अमगढ़ी, डाेन परेवा व अमगढ़ी में बीती रात अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है, अलबत्ता जनहानि नहीं हुई है। प्रशासन की ओर से 18 परिवारों को क्षति का आकलन कर अहेतुक सहायता राशि मौके पर ही उपलब्ध करा दी है। साथ ही कृषि भूमि एवं फसल की क्षति का आकलन उद्यान एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही बीमा कंपनियों को यथाशीघ्र कराकर राहत वितरण किया जाएगा। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को 50 राशन किट वितरित किए गए हैं।

क्षेत्र के निवासी पूर्व विधायक प्रतिनिधि कृपाल बिष्ट ने बताया कि मंगलवार तड़के करीब तीन बजे अतिवृष्टि हुई। ग्रामीणों का कहना है कि बादल फटने से गांव के समीप का नाला उफान पर आ गया और पानी और मलबा करीब 50 घरों में घुस गया, रात में ही तीन दर्जन से अधिक परिवारों को स्वास्थ्य केंद्र में शरण लेनी पड़ी।

प्रशासन ने आपदा प्रबंधन में दिखाई तेजी

बुधवार को सूचना मिलने पर एसडीएम राहुल शाह सहित अधिकारियों की टीम प्रभावित गांव पहुंची। एसडीएम ने बताया कि दो गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय परीक्षण करने के बाद रामनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रभावित घरों में पानी भर जाने से ओखलढूंगा ग्राम के प्रभावित आठ-दस परिवारों के लगभग 26 लोगों को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय ओखलढूंगा के भवन में अस्थाई रूप से रखा गया है।

एसडीएम ने साफ किया कि अतिवृष्टि से किसी भी प्रकार की जनहानि, पशु हानि एवं भवनों की क्षति नहीं हुई है। प्रभावित ग्राम में आवागमन हेतु हल्द्वानी के अन्तर्गत भंडारपानी-पाटकोट-ओखलढूंगा-अमोठा मोटर मार्ग तथा रामनगर के अन्तर्गत रामनगर- भण्डारपानी-अमगडी-बोहराकोट-ओखलढूंगा, अमगडी-पाटकोट व काण्डा-डान-परेवा मार्ग मलबा आने से बाधित हैं। मार्ग खोलने के लिए लोनिवि रामनगर की दो बुलडोजर तथा हल्द्वानी से एक बुलडोजर भेजा गया है।

प्रभावित परिवारों ने उठाई तटबंध बनाने की मांग

क्षेत्र के निवासी पूर्व विधायक प्रतिनिधि कृपाल बिष्ट ने बताया कि मलबे से ग्रामीणों की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है। ग्राम प्रधान प्रीति चौरसिया और क्षेत्र पंचायत सदस्य नंदन चौधरी, ग्रामीण हीरा भंडारी, गणेश पटवाल, मोहन चौरसिया, मोहन जोशी आदि ने प्रशासन से किसानों की फसल के नुकसान का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा और डोन नाले में तटबंध बनाने की मांग की गई है। ग्रामीणों के अनुसार, नाले के कटाव से मलबा खेतों में घुस गया, जिससे फसलों को अत्यधिक हानि हुई है।

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