आधुनिक तकनीक से लैस होगी एसडीआरएफ, आपदा पीड़ितों की भावनात्मक देखभाल के लिए भी जवानों को किया जाएगा तैयार

प्रदेश में बढ़ती प्राकृतिक घटनाओं (आपदा) को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस एसडीआरएफ के जवानों को आधुनिक तकनीक से लैस करने जा रही है। इसके लिए एसडीआरएफ और इंडियन रेस्क्यू एकेडमी (आइटस ग्रुप महाराष्ट्र) पुणे के बीच आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन को लेकर समझौता हुआ है।जिसमें एसडीआरएफ जवानों को न सिर्फ रेस्क्यू, बल्कि आपदा पीड़ितों की मानसिक व भावनात्मक देखभाल के लिए भी निपुण किया जाएगा। आइटस ग्रुप महाराष्ट्र के ट्रेनर एसडीआरएफ मुख्यालय में पहुंचकर जवानों को प्रशिक्षण देंगे। इंडियन रेस्क्यू एकेडमी से देश की बड़ी एजेंसियां रेस्क्यू का प्रशिक्षण लेती हैं, इसमें एनडीआरएफ भी शामिल है।

प्रदेश में हर साल आपदा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। एसडीआरएफ के जवान आपदा के क्षेत्र में अहम योगदान भी निभा रहे हैं, लेकिन बड़ी आपदा में किस तरह से तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया जाए व उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जा सके, इसके लिए भी जवानों को तैयार किया जाएगा।समझौते के अनुसार इस दौरान एसडीआरएफ के जवानों को आधुनिक एवं तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमताओं में सुधार होगा और रेस्क्यू दल अधिक प्रभावी और क्षमता के साथ कार्य कर सकेगा। एसडीआरएफ की पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल ने बताया कि इस एमओयू के माध्यम से एसडीआरएफ जवानों को मास्टर ट्रेनर भी बनाया जाएगा।

साथ ही इससे राजस्व सृजन का माडल भी स्थापित होगा। उन्होंने बताया कि इस एमओयू के बाद एसडीआरएफ के जवानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें वह कई तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। पहले चरण में जवानों को प्रशिक्षक के रूप में तैयार किया जाएगा।बाद में यह प्रशिक्षक मास्टर ट्रेनर का कार्य करते हुए अन्य टीमों को प्रशिक्षित करेंगे। एसडीआरएफ की ओर से कमांडेंट अर्पण यदुवंशी और इंडियन रेस्क्यू एकेडमी (आइटस ग्रुप महाराष्ट्र) पुणे की ओर से निदेशक अंकित वाघ ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए राज्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है।

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