मंत्री गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विजिलेंस को कैबिनेट के फैसले का इंतजार

उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में किसी कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कैबिनेट से अनुमित मांगी है. विशेष विजिलेंस कोर्ट ने 19 अक्टूबर की तारीख तय की है. उससे पहले विजिलेंस कोर्ट को धामी सरकार के फैसला का इंतजार है. धामी सरकार को 8 अक्टूबर से पहले इस फैसला लेना है. इसके बाद ही 19 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.

दरअसल, एडवोकेट विकेश नेगी ने स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ याचिका दायर कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. विकेश नेगी की याचिका पर कोर्ट ने विजिलेंस से आख्या मांगी थी. जिस पर मंगलवार तीन सितंबर को कोर्ट ने सुनवाई हुई. विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट के साथ एक पत्र कोर्ट में पेश किया.

ये पत्र आठ जुलाई 2024 को कार्मिक और सतर्कता विभाग की ओर से विजिलेंस को भेजा गया था. इस पत्र में सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) को शिकायत का अपने स्तर पर परीक्षण कर यथोचिच कार्रवाई करने को कहा गया है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि विजिलेंस की रिपोर्ट से साफ हो गया कि शासन से पहले ही मामला मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है. पत्र सात जुलाई को भेजा गया था. इसके अनुसार तीन महीने का समय आठ अक्टूबर हो समाप्त हो रहा है. लिहाजा इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा. भ्रष्चाचार निवारण अधिनिमय की नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है.

अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री पर लगे इस तरह के आरोपों से बीजेपी थोड़ी अहसज नजर आ रही है. यहीं कारण है कि बीजेपी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रही है. हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में है. सरकार इस पर उचित निर्णय लेगी. हालांकि अभी तक कोई आरोप साबित नहीं हुआ है. इस तरह के आरोप राजनीतिक लोगों पर लगते रहे है. जब तक आरोपी साबित नहीं हो जाते पार्टी इस पर अपना कोई बयान नहीं देगी.

वहीं आज कल अपने बयानों के कारण सुर्खियों बढ़ोर रहे हरिद्वार सांसद और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि न्याय शब्द देखने से प्रदर्शित होता है. महाभारत में यह साफ तौर से लिखा है कि न्याय जब होता है तो उसमें अपना पराया नहीं देखा जाता है. यह बात उन्होंने प्रदेश में हरक सिंह रावत के खिलाफ हो रही कार्रवाई की परिपेक्ष में भी कही है. उन्होंने कहा है कि अगर न्याय धर्म की बात होती है तो उसमें यही देखा जाता है कि जिसने गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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