सिस्टम का फंसाना, कैसे भरे खजाना: अवैध खनन और शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए मजबूत कवच का हो रहा इंतजार

जीएसटी के बाद शराब और खनन कारोबार प्रदेश सरकार की कमाई के दो बड़े स्रोत हैं, मगर पिछले कई वर्षों से ये दोनों ही क्षेत्रों को शराब की तस्करी और अवैध खनन ने हर साल तय होने लक्ष्य को पूरा होने से रोका है। शराब और खनन में चोरी रोकने के लिए मजबूत कवच बनाने के दावे भी फिलहाल हवाई साबित हो रहे हैं।

सरकारी सिस्टम के फंसाने में अवैध खनन रोकने की योजना ठहर गई है। अभी तक माइनिंग सर्विलेंस सिस्टम तैयार नहीं हो पाया है। ट्रैस एंड ट्रैक प्रणाली न बनने से शराब तस्करों पर नकेल कसने के इरादे भी ठंडे हैं। प्रदेश सरकार ने इस साल खनन से 875 करोड़ रुपये कमाई का लक्ष्य रखा है। चार महीने में 295 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष महज 200 करोड़ रुपये ही कमाए हैं।

खुद खनन विभाग से जुड़े सूत्रों का दावा है कि अवैध खनन, इसके भंडारण और परिवहन की अवैध गतिविधियों पर पूरी सख्ती के साथ पाबंदी लग जाए, तो सरकार साल में 1500 करोड़ रुपये तक कमा सकती है। इसके लिए सरकार ने खनन निगरानी तंत्र बनाने का निर्णय भी किया है, लेकिन इस योजना पर काम की रफ्तार बहुत धीमी है, जिससे अवैध खनन से जुड़े माफिया के इरादे बुलंद हैं।

सरकार के राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में छूट रहे पसीने

सरकार को शराब कारोबार से खासी आमदनी होती है। इस साल के लिए सरकार ने 4000 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा है, लेकिन इस कारोबार के लिए भी राज्य के अंदर और बाहर से शराब तस्करी सबसे बड़ी समस्या है। शराब की तस्करी रोकने के लिए सीएम के स्तर पर विभाग को कई बार ट्रैस एंड ट्रैक प्रणाली तैयार करने के लिए ताकीद किया गया है।

इसके बाद भी अभी विभाग इस योजना का अध्ययन में जुटा है। सिस्टम की इस धीमी चाल का फायदा शराब माफिया उठा रहे हैं और सरकार के राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में पसीने छूट रहे हैं। जुलाई महीने तक विभाग 1655 करोड़ रुपये के सापेक्ष 1506 करोड़ रुपये ही कमा सकी।

ये होती है खनन निगरानी प्रणाली

खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) : इस प्रणाली से किसी भी असामान्य गतिविधि का पता लगाने के लिए सेटेलाइट इमेजरी का उपयोग करके मौजूदा खनन पट्टा सीमा के आसपास 500 मीटर के क्षेत्र की जांच की जा सकती है। इस प्रणाली का उपयोग परिवहन और भंडारण पर ऑनलाइन निगरानी रखने में किया जा सकता है।

ट्रैस एंड ट्रैक प्रणाली

इस प्रणाली के तहत शराब फैक्टरी से जारी होने वाले शराब के वाहन जहां-जहां से भी गुजरेगा और जाएगा, उस पर ऑनलाइन निगरानी रहेगी। इससे शराब तस्करी रोकना आसान होगा।

सरकार की कमाई का डगमगाता लक्ष्य

खनन                                     आबकारी (धनराशि करोड़ में)

माह लक्ष्य पूरा हुआ                  लक्ष्य पूरा हुआ

अप्रैल 102 70                        662 395

मई 195 126                        993 804

जून 261 177                       1324 1166

जुलाई 295 200                    1655 1506

अवैध खनन रोकने के लिए माइनिंग सर्विलांस सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। इस पर कार्रवाई गतिमान है। परिवहन विभाग से इस पर बात करके इस प्रणाली को जल्द लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। -डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव (खनन)

शराब की तस्करी रोकने के ट्रैस एंड ट्रैक प्रणाली को प्रदेश में लागू करने के लिए विभाग काम कर रहा है। अफसरों की एक टीम बनाई गई है, जो दक्षिण भारत के उन राज्यों का अध्ययन करेगी, जहां यह प्रणाली लागू है। प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी की समस्या है। दूसरे राज्यों के लिए प्रणाली में क्या उपाय किए गए हैं, इसका पता लगाया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *