उद्योगपति गौतम अडानी के वायरल वीडियो की केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला चंडीगढ़ से सवा महीने बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जबकि, प्रयोगशाला ने रिपोर्ट के लिए 15 दिन का वक्त मांगा था। ऐसे में पुलिस ने प्रयोगशाला को रिमाइंडर भेजकर जांच रिपोर्ट जल्द भेजने को कहा है। वीडियो को एक पोर्टल ने वायरल किया था। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर भी अपनी फेसबुक वॉल पर इसे अपलोड कर प्रसारित करने का आरोप है। बता दें कि एक वेब पोर्टल के माध्यम से पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कई उच्चाधिकारियों के साथ उद्योगपति गौतम अडानी एक वीडियो वायरल हो रही है। इस वीडियो में अडानी इन्वेस्टर्स समिट और राज्य के विभिन्न प्रोजेक्ट की आलोचना करते दिखाई दे रहे हैं। चूंकि, कैमरे का फोकस काफी दूर है और आवाज साफ नहीं है। इसे समझाने के लिए हिंदी में स्क्रॉल भी चलाया जा रहा है। वीडियो जब सरकार की नजर में आया तो इसे डॉक्टर्ड बताते हुए वायरल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
इस संबंध में सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक रवी बाजारनिया की ओर से पोर्टल के खिलाफ 11 अक्तूबर को कैंट थाने में तहरीर दी गई थी। आरोप है कि वेब पोर्टल ने अडानी और मुख्यमंत्री के बीच हो रही वार्ता का गलत अर्थ प्रदर्शित किया है। इससे न सिर्फ सरकार की छवि धुमिल हुई है बल्कि जनता और सरकार के बीच विश्वास को भी कमजोर करने का प्रयास किया गया है। सहायक निदेशक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर वीडियो को जांच के लिए चंडीगढ़ भेज दिया गया था। प्रयोगशाला ने 15 दिन का वक्त मांगा था, मगर अब तक रिपोर्ट कैंट थाना पुलिस को नहीं मिली है। प्रभारी निरीक्षक कैंट अरुण सैनी ने बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार को एक रिमाइंडर भेजा है। ताकि, जांच रिपोर्ट जल्द मिले और मुकदमे में जांच आगे बढ़ाई जा सके।