लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सियासी दल अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा के सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो हाईकमान 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने किसी भी मौजूदा सांसद को टिकट देने के मूड में नहीं है। इनके स्थान पर भाजपा हाईकमान विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी में है। जिसमें तीन कैबिनेट मंत्री भी शामिल है।
भाजपा हाईकमान के इस कदम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को और अधिक फ्री-हैंड देने के तौर पर भी देखा जा रहा है। भाजपा संगठन के साथ खुद सूबे के मुख्यमंत्री इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अब चर्चा यह तेज हो रही है कि उत्तराखंड की पांचों सीटों पर प्रत्याशी कौन होंगे। भाजपा अपने पुराने चेहरों के साथ ही चुनावी समर में आएगी या फिर कोई बड़ा फेदबदल किया जाएगा।
सियासी जानकारों का कहना है कि कुछ सांसदों का टिकट काटा जाना है या संभावना ये भी है कि हाईकमान किसी भी मौजूदा सांसद को फिर से मैदान में न उतारे। चर्चा यह तेज हो रही है कि भाजपा हाईकमान राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी प्रयोग कर सकती है।
गौरतलब है कि उन राज्यों में भाजपा ने अपने कद्दावर मंत्रियों और सांसदों को विधायकी का चुनाव लड़वा दिया था। जबकि उत्तराखंड में इसके विपरीत भाजपा हाईकमान विधायकों को सांसदी का चुनाव लड़वा सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि चुनाव में प्रत्याशी कोई भी क्यों न हो। वोट तो प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही मिलेगा। ऐसे में भाजपा टिकट किसी को भी दे शायद ही इससे कुछ खास फर्क पड़ेगा।
सियासी गलियारों में हो रही चर्चा के अनुसार भाजपा इस बार पांचों सीटों से विधायकों को ही मैदान में उतार सकती है। इनमें तीन कैबिनेट मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। चर्चाओं के अनुसार हाईकमान सितारगंज सीट से विधायक और युवा कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को भाजपा उनके पिता विजय बहुगुणा की सीट टिहरी गढ़वाल से प्रत्याशी बना सकती है। इस सीट पर एक दूसरी पार्टी के विधायक से भी बातचीत चलने की चर्चा तेज है।