भूस्खलन हादसे में जिन तीन मृतकों के शव मिले थे, उनकी पहचान हो गई है। तीनों नेपाली मूल के हैं। इसी के साथ अब हादसे में लापता लोगों की संख्या 20 हो गई है। तीन लोगों की मौत हुई है। शनिवार को भी दिनभर रेस्क्यू होता रहा, लेकिन लापता लोगों में से किसी का भी शव नहीं मिल पाया।
जिला प्रशासन के अनुसार, रविवार को सुबह 5.30 बजे से पुन: घटनास्थल से लेकर नदी किनारे तक खोजबीन अभियान शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही कुंड में सिंगोली-भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना के बैराज में जलपुलिस द्वारा खोजबीन की जा रही है।
जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने बताया कि शुक्रवार को जो तीन शव बरामद हुए थे, उनकी शिनाख्त देवी बहादुर, टेक बहादुर और प्रकाश टम्टा के रूप में हुई है। मृतकों के परिजनों ने शिनाख्त की है, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है।
तेज बारिश के कारण बढ़ा मंदाकिनी नदी का जलस्तर, रोकना पड़ा रेस्क्यू अभियान
उधर, केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड तक हुई तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर रविवार दोपहर अचानक बढ़ गया। इसके चलते गौरीकुंड भूस्खलन हादसे में लापता लोगों की खोजबीन के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू अभियान दोपहर डेढ़ बजे बाद रोक दिया गया। रविवार को सुबह से ही लापता लोगों की खोजबीन के लिए अभियान शुरू हो गया था, लेकिन दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे से केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड तक तेज बारिश होने लगी। नदी का बहाव ढलान में होने के कारण जलस्तर में वृद्धि होने लगी, जिस कारण दोपहर बाद डेढ़ बजे रेस्क्यू को रोकना पड़ा। एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि बार-बार हो रही बारिश के चलते खोजबीन में दिक्कत हो रही है। दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने गौरीकुंड पहुंचकर राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने रेस्क्यू में जुटे जवानों से भी बातचीत की। साथ ही जिला व तहसील प्रशासन के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी, सीओ विमल रावत भी मौजूद थे।
इस हादसे में लापता लोगों में 14 नेपाली मूल के