उत्तराखंड में भी राजकीय कार्मिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा व अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में सम्मिलित हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है।सरकारी कार्यालय अवधि से पहले अथवा बाद में ही ऐसी गतिविधियों में कर्मचारी भाग ले सकेंगे। कार्मिक एवं सतर्कता अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के आयुक्तों, समस्त विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार आरएसएस की प्रात:कालीन या सायंकालीन सभा, अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में राजकीय कार्मिकों की भागीदारी को उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 (समय-समय पर यथा संशोधित) का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आरएसएस की शाखा व अन्य सांस्कृतिक-सामाजिक गतिविधियों में तब ही प्रतिभाग किया जा सकेगा, जब इस कार्य से सरकारी दायित्वों के निर्वहन में कोई अड़चन न पड़े। ऐसी भागीदारी सरकारी कार्यालय अवधि के पूर्व व पश्चात ही किया जा सकेगा।
प्रदेश में धामी सरकार ने केंद्र के इस संबंध में लिए गए निर्णय के बाद यह कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगा प्रतिबंध 58 साल बाद हटा दिया।