धर्मनगरी के धीरवाली निवासी नमन और उनकी वैज्ञानिक पत्नी एकता का भी चंद्रयान-3 में अहम योगदान रहा। जब यह सूचना फैली तो लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। बात सोशल मीडिया के जरिए बाहर आने लगी तो धीरवाली ही नहीं समूचे धर्मनगरी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के स्थानीय कार्यकर्ता ने नमन की शिक्षिका मां गीतांजली से मिलने पहुंचने लगे। सुरक्षा कारणों के चलते मिशन के दौरान वैज्ञानिकों की जानकारी गोपनीय रखी गई। लेकिन सफलता का श्रेय परिवार अंत में नहीं छुपा सका।इसरो में वैज्ञानिक नमन चौहान और उनकी वैज्ञानिक पत्नी से अमर उजाला से खास बातचीत की। नमन और एकता ने मिशन के पूरा होने पर जहां देशवासियों को बधाई दी, वहीं उन्होंने बताया इस अभियान में उनका जितना योगदान है उसी तरह हजारों वैज्ञानिकों ने लाखों घंटे अपने परिश्रम से योगदान दिया। नमन बताते हैं कि इसरो में उनका जब सेलेक्शन हुआ तो उन्होंने इसे अपना सौभाग्य माना था। इस संस्थान में पत्नी एकता का भी साथ मिला और उन्होंने नित नए मुकाम हासिल किए।