1952 से 2009 तक देहरादून और हरिद्वार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति इस क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य को समझने में बहुत महत्वपूर्ण है। इन निर्वाचन क्षेत्रों ने क्षेत्र की राजनीतिक गतिशीलता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पिछले कुछ वर्षों में कई बदलाव देखे हैं।
1971 में देहरादून से कांग्रेस के मुल्क राज सैनी सांसद चुने गए
देहरादून लोकसभा सीट कांग्रेस के महावीर त्यागी 1952, 1957, 1962 चुने गए। हालांकि, 1967 के चुनावों में, घटनाओं में एक मोड़ आया, क्योंकि महावीर त्यागी एक स्वतंत्र उम्मीदवार यशपाल सिंह से सीट हार गए। 1971 में देहरादून से कांग्रेस के मुल्क राज सैनी सांसद चुने गए। हरिद्वार लोस सीट से 1977 में भारतीय लोक दल के भगवान दास राठौड़ पहले सांसद चुने गए।
हरिद्वार सांसद सुंदर लाल के निधन से 1987 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस के राम सिंह से बसपा सुप्रीमो मायावती व राम विलास पासवान तक को हार का सामना करना पड़ा। 2006 के परिसीमन के बाद हरिद्वार सीट में धर्मपुर, डोईवाला, ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र जुड़ गए थे। उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट से पांच बार भाजपा, पांच बार कांग्रेस, एक बार लोकदल और एक बार सपा, एक जनता पार्टी (सेकुलर ) प्रत्याशी विजय हुए हैं।